Sunday, 3 September 2017

776. God - The Supreme Power वह पायेगा क्या नाम रस का चसका, कृष्ण से प्रीत नही लगाएगा जो । हरे कृष्ण को समझेगा वही, रसिकों के समाज में जाएगा जो । बृज धूरि लपेट कलेवर में, गुण नित्य किशोर के गाएगा जो । हँसता हुआ कृष्ण मिलेगा उसे, निज प्राणों की बाजी लगाएगा जो। जय जय श्री राधे श्याम ।

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