Monday, 11 September 2017

802. God - The Supreme Power राधे राधे जी , जो कहते थे नहीं होता, सांवरे से प्यार चुटकी में, लुटकर वो दे गये दिल, करके आँखें चार चुटकी में। कभी डूब जाती है नाव भी मँझधार चुटकी में, घड़ा कच्चा लगा जाता कभी है पार चुटकी में। पहाड़ी मौसमों-सा रँग, बदलता है सांवरे तेरा भी, कभी इन्कार चुटकी मे,कभी इक़रार चुटकी मे। जय जय श्री राधे श्याम ।

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