Tuesday, 12 September 2017

810. God - The Supreme Power जब तक उलझा था दुनिया में , तब तक तेरे दर पर नहीं आया , अब जब आ गया वृन्दावन, तो अब वापस जाने का मन नहीं करता । तेरे दर की खुशबू तन - मन में समा गई , अब इस दुनिया की हर चाहत न जाने कहाँ गई । बस राधे - राधे जपने का ही मन करता है, वृन्दावन में ही बस जाने का मन करता है। राधे राधे जी ।

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