Tuesday, 26 September 2017

872. God The Supreme Power माँ दुर्गा के सातवें रूप को "माँ कालरात्रि" के नाम से पूजा जाता है। माँ कालरात्रि का वर्ण रात्रि के समान काला है परन्तु वे अंधकार का नाश करने वाली हैं। दुष्टों व राक्षसों का अंत करने वाला माँ दुर्गा का यह रूप देखने में अत्यंत भयंकर लेकिन शुभ फल देता है इसलिए माँ "शुभंकरी" भी कहलाई जाती हैं। माँ कालरात्रि के ब्रह्माण्ड के समान गोल नेत्र हैं। अपनी हर श्वास के साथ माँ की नासिका से अग्नि की ज्वालाएं निकलती रहती हैं। अपने चार हाथों में खड्ग, लोहे का अस्त्र, अभयमुद्रा और वरमुद्रा किये हुए माँ अपने वाहन गर्दभ पर सवार हैं। माँ कालरात्रि का मंत्र (Mata Kaalratri Mantra): नवरात्र के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना इस मंत्र से की जा सकती है- एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी। वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

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