Sunday, 10 September 2017

795. God - The Supreme Power सुन्दर सी तेरी मूरत तिरछी सी प्यारी चितवन, मुरली अधर पे सोहे कैसे तुम्हे सजाएँ। दीदार की हसरत में कब से तड़प रहे है कान्हा , कैसे मिलोगे मोहन कैसे तुम्हें रिझाएं। जय जय श्री राधे श्याम ।

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