Monday 25 September 2017

869. God The Supreme Power शक्ति का छठा स्वरुप है- माँ कात्यायनी। नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी का है। प्रसिद्ध महर्षि कात्यान ने कठोर तप कर माँ से उनकी पुत्री के रूप में जन्म लेने का वरदान माँगा, ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर माँ पराम्बा ने उनकी इस इच्छा को पूरा किया और ऋषि कात्यान की पुत्री "देवी कात्यायनी" कहलाई। चार भुजा धारी माँ कात्यायनी सिंह पर सवार हैं। अपने एक हाथ में तलवार और दूसरे में अपना प्रिय पुष्प कमल लिये हुए हैं। अन्य दो हाथ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में हैं। देवी कात्यायनी का मंत्र (Devi Katyayani Mantra): सरलता से अपने भक्तों की इच्छा पूरी करने वाली माँ कात्यायनी का उपासना मंत्र है- चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना| कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि|

No comments:

Post a Comment