Sunday 3 September 2017

783. God - The Supreme Power बांसुरी के स्वर जैसा मन हो गया है, मोर के पंखो जैसा तन हो गया है । हे राधारमण जब से आये हो तुम इस जीवन में, मेरा रोम रोम वृन्दावन हो गया है। जय जय श्री राधे श्याम ।

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