Wednesday, 25 October 2017

905. god the supreme power जब जीवन में हर तरफ दुख हो, संकट हो और निकलने का कोई मार्ग न दिखे तो गौरीपुत्र गजानन की आराधना तुरंत फल देती है। भगवान गणेश की सात्विक साधनाएं अत्यंत सरल तथा प्रभावी होती है। इनमें अधिक विधि-विधान की भी जरूरत नहीं होती केवल मन में भाव होने मात्र से ही गणेश अपने भक्त को हर संकट से बाहर निकालते हैं और उनकी किस्मत चमका देते है श्रीगणेश जी की पूजा निम्नलिखित मंत्र से करें । गणेश गायत्री मंत्र ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात् ।। Aum Ekdantaaye Viddhmahe, Vakratund Dheemahi, Tanno Danti Prachodyaat | | महाकर्णाय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ।। Mahakarnaaye Viddhmahe, Vakratund Dheemahi, Tanno Danti Prachodyaat | | गजाननाय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् Gajaananaaye Viddhmahe, Vakratund Dheemahi, Tanno Danti Prachodyaat | | यह गणेश गायत्री मंत्र है। इस मंत्र का प्रतिदिन शांत मन से 108 बार जप करने से गणेशजी की कृपा होती है। लगातार 11 दिन तक गणेश गायत्री मंत्र के जप से व्यक्ति के पूर्व कर्मो का बुरा फल खत्म होने लगता है और भाग्य उसके साथ हो जाता है।

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