Wednesday, 30 August 2017

726. God - The Supreme Power और क्या मांगू मैं तुमसे माता , बस धूल चरण की चाहूँ , पल पल याद करूँ मैं तुझको ,मैं हीरे रतन न चाहूँ | अभी तक तेरा प्यार मिला है, माँ हर मांग मिली मेरे मन की आगे भी तू रखना दया , माँ तू मालिक है त्रिभुवन की | प्रेम से बोलो जय माता दी। सारे बोलो जय माता दी।

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