This is a religious blog for the upliftment of human being. The main objective is to attain inner peace in this stressful and depressed world. One must spend some valuable time with God to gain a happier and wonderful life.
Monday, 19 February 2018
912. God - The Supreme Power गणेश मंत्र 1.वक्रतुण्ड गणेश मंत्र वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ। निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।। वक्रतुंड का तात्पर्य है टेढी सूँड वाले, इस प्रकार इस मंत्र में कहा गया है हे टेढी सूँड वाले, विशाल देह धारण करने वाले, करोड़ों सूर्यों के समान दीदीप्यमान भगवान श्री गणेश मुझ अपनी कृपा दृष्टि बनायें रखना ताकि मेरे सारे कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न हों। मंगलदायक भगवान गणेश भगवान शिव व माता पार्वती के पुत्र हैं। इन्हें बुद्धि एवं विवेक का प्रतीक माना जाता है। ऋद्धि और सिद्धि इनकी पत्नियां हैं, ऋद्धि से लाभ एवं सिद्धि से शुभ हुए यानि लाभ और शुभ ये इनके दो पुत्र माने जाते हैं। हर शुभ कार्य में भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। 'गणपति, विघ्नराज, लम्बतुण्ड, गजानन, द्वैमातुर, हेरम्ब, एकदन्त, गणाधिप, विनायक, चारुकर्ण, पशुपाल और भवात्मज- ये बारह गणेशजी के नाम हैं। जो प्रातःकाल उठकर इनका पाठ करता है, संपूर्ण विश्व उनके वश में हो जाता है तथा उसे कभी विघ्न का सामना नहीं करना पड़ता।'
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment