Friday 27 October 2017

907. god the supreme power दुर्गा माँ मन्त्र - चमत्कारी मंत्र सिर्फ एकपदीय जप नहीं होते बल्कि वो आपके आस-पास एक प्रभावशाली वातावरण बनाए रखते हैं जिससे आपकी ज़िंदगी की समस्याएं खत्म होती हैं. अगर आप एकाग्र होकर मंत्रों को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बना ले और उन पर विश्वास करें तो आप हर समस्या से उबर सकते हैं. चमत्कारी मंत्रों के उच्चारण से असंभव काम को भी संभव किया जा सकता हैं. || ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ || OM AING HRING KLEENG CHAMUNDAYE VICHCHEY ॐ दुं दुर्गायै नमः Om Dum Durgayei Namaha सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके । शरन्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।। “SARVA MANGALA MAANGALYE SHIVEYSARVAARTH SAADHIKEY, SHARNAYE TRAYAMBAKEY GAURI NAARAAYANI NAMOSTUTEY.” * शरणागत दीनार्तपरित्राण परायणे। सर्वस्यातिहरे देवि नारायण नमोस्तुते।। “SHARNAAGAT DEENAART PARITRAAN PARAAYANEY, SERVASYARTI HAREY DEVI NAARAAYANI NAMOSTUTEY.” * सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वेशक्तिसमन्विते । भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते ।। “SARVASVAROOPEY SARVESHEY SARVSHAKTI SAMANVIETEY, BHAYEBHYAH TRAAHI NO DEVI DURGE DEVI NAMOSTUTEY.” * रोगनशेषानपहंसि तुष्टा। रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां। त्वमाश्रिता हृयश्रयतां प्रयान्ति।। “ROGAAN SHOSHAAN PAHANSITUSHTARUSHTATU KAAMAAN SAKLAAN BHISHTAAN, TVAAM AASHRITAANAAM NA VIPANNARAANAM. TVAAMAASHRITAAHYA SHRAYTAAM PRAYAANTI.” * सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दैरिविनाशनम्।। सर्वाबाधा विर्निर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित:। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय:।। “SARVA BADHA PRASHMANAN TRAILOKYA SYAKHILESHWARI, EVAMEVMEV TVAYAA KAARYAM SMA DVERI VINAASHNAM. SARVAA BAADHA VINIRUMK TO DHAN DHAANYA SUTAAN VITAH. MANUSHYO MAT PRASAADEN BHAVISHYATI NA SANSHA YAH.” * जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी । दुर्गा शिवा क्षमा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते ।। “JYANTI MANGALAA KAALI BHADRA KAALI KAPAALINEE DURGAA KSHAMAA SHIVAA DHAATREE SWAAHAA SVADHAA NAMO STUTEY.” * देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि देवि परं सुखम् । रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ॥ “DEHI SAUBHAAGYAM AAROGYAM DEHI DEVI PARAM SUKHAM. RUPAM DEHI JAYAM DEHI YASHO DEHI DVISHO JAHI.”

Wednesday 25 October 2017

906. god the supreme power धर्मशास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु जगत का पालन करने वाले देवता हैं। उनका स्वरूप शांत और आनंदमयी है। हर दिन भगवान विष्णु का स्मरण कर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना फलदायी रहता है। श्रीहरि विष्णु के विविध मंत्र, जिनका नियमित जाप कर धन-वैभव-संपन्नता पाई जा सकती हैं। * माता लक्ष्मी विनायक जी का मंत्र - दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।। * भगवान श्री विष्णु जी के पंचरूप मंत्र - ॐ अं वासुदेवाय नम: ॐ आं संकर्षणाय नम: ॐ अं प्रद्युम्नाय नम: ॐ अ: अनिरुद्धाय नम: ॐ नारायणाय नम: * ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।। एवं सरल जाप - ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।

905. god the supreme power जब जीवन में हर तरफ दुख हो, संकट हो और निकलने का कोई मार्ग न दिखे तो गौरीपुत्र गजानन की आराधना तुरंत फल देती है। भगवान गणेश की सात्विक साधनाएं अत्यंत सरल तथा प्रभावी होती है। इनमें अधिक विधि-विधान की भी जरूरत नहीं होती केवल मन में भाव होने मात्र से ही गणेश अपने भक्त को हर संकट से बाहर निकालते हैं और उनकी किस्मत चमका देते है श्रीगणेश जी की पूजा निम्नलिखित मंत्र से करें । गणेश गायत्री मंत्र ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात् ।। Aum Ekdantaaye Viddhmahe, Vakratund Dheemahi, Tanno Danti Prachodyaat | | महाकर्णाय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ।। Mahakarnaaye Viddhmahe, Vakratund Dheemahi, Tanno Danti Prachodyaat | | गजाननाय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् Gajaananaaye Viddhmahe, Vakratund Dheemahi, Tanno Danti Prachodyaat | | यह गणेश गायत्री मंत्र है। इस मंत्र का प्रतिदिन शांत मन से 108 बार जप करने से गणेशजी की कृपा होती है। लगातार 11 दिन तक गणेश गायत्री मंत्र के जप से व्यक्ति के पूर्व कर्मो का बुरा फल खत्म होने लगता है और भाग्य उसके साथ हो जाता है।

904. god the supreme power संकटमोचन हनुमानाष्टक (Sankatmochan Hanumanashtak) बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अँधियारो I ताहि सो त्रास भयो जग को, यह संकट काहू सो जात न टारो II देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ दियो रवि कष्ट निवारो I को नहीं जानत है जग में कपि, संकट मोचन नाम तिहारो II बालि की त्रास कपीस बसे गिरि, जात महा प्रभु पंथ निहारो I चौंकि महा मुनि श्राप दियो तब, चाहिये कौन बिचार बिचारो II कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के शोक निवारो I को नहीं जानत है जग में कपि, संकट मोचन नाम तिहारो II अंगद के संग लेन गये सिया, खोज कपीस यह बैन उचारो I जीवत ना बचिहौ हम सो जो, बिना सुधि लाये यहाँ पगु धारौ II हेरि थके तट सिन्धु सबै तब, लाये सिया सुधि प्राण उबारो I को नहीं जानत है जग में कपि, संकट मोचन नाम तिहारो II रावण त्रास दई सिया को तब, राक्षसि सों कहि शोक निवारो I ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाय महा रजनी चर मारो II चाहत सिया अशोक सों आगि सु, दें प्रभु मुद्रिका शोक निवारो I को नहीं जानत है जग में कपि, संकट मोचन नाम तिहारो II बाण लाग्यो उर लक्ष्मण के तब, प्राण तज्यो सुत रावण मारो I ले गृह वैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सो वीर उपारो II आनि सजीवन हाथ दई तब, लक्ष्मण के तुम प्राण उबारो I को नहीं जानत है जग में कपि, संकट मोचन नाम तिहारो II रावण युद्ध अजान कियो तब, नाग कि फाँस सबै सिर दारो I श्री रघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो II आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो I को नहीं जानत है जग में कपि, संकट मोचन नाम तिहारो II बंधु समेत जबै अहिरावण, लै रघुनाथ पातळ सिधारो I देविहिं पूजि भलि विधि सो बलि, देउ सबै मिलि मंत्र विचारो II जाय सहाय भयो तब ही, अहिरावण सैन्य समेत संघारो I को नहीं जानत है जग में कपि, संकट मोचन नाम तिहारो II काज किये बड़ देवन के तुम, वीर महाप्रभु देखि बिचारो I कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुम सों नहिं जात है टारो II बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होय हमारो I को नहीं जानत है जग में कपि, संकट मोचन नाम तिहारो II दोहा लाल देह लाली लसे ,अरु धरि लाल लंगूर I बज्र देह दानव दलन,जय जय जय कपि सूर II